अष्ट सिद्धियाँ
1. अणिमा – जिसके पास ये सिद्धि होती है वो व्यक्ति अपने शरीर को अनु या एटम जितना छोटा बना सकता है l
2. महिमा – इस सिद्धि से व्यक्ति अपने शरीर को जितना चाहे बड़ा बना सकता है l
3. गरिमा – इस सिद्धि से व्यक्ति अपने शरीर को जितना चाहे उतना भारी कर सकता है l
4. लघिमा – इस सिद्धि से मनुष्य अपने शरीर को बिलकुल हल्का बना सकता है l
5. प्राप्ति – इस सिद्धि से व्यक्ति किसी भी स्थान में बिना रोक टोक जा सकता है l
6. प्राकाम्य – इस सिद्धि को प्राप्त करने से मनुष्य जिस भी चीज की इच्छा करता है वो उसे प्राप्त कर लेता है l
7. इशित्वा – इस सिद्धि की प्राप्ति से मनुष्य किसी भी व्यक्ति पर स्वामित्व प्राप्त करने की शक्ति प्राप्त कर लेता है
8. वशित्वा – इस सिद्धि को प्राप्त करने से मनुष्य हर प्रकार के युद्ध में विजय प्राप्त करता है l
देवी माँ सिद्धिदात्री की कृपा से इन 8 सिद्धियों को प्राप्त किया जा सकता है
जय माता दी
देवी दुर्गा जी के नौवें रूप का नाम देवी सिद्धिधात्री है , वे सभी प्रकार की सिद्धियों को देने में समर्थ हैं मार्कंडेय पुराण के अनुसार आठ प्रकार की सिद्धियाँ होती हैं : अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, इशित्वा, वाशित्वा l इनकी पूजा करने से साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है साधक का संपूर्ण जगत पर अधिकार हो जाता है उसके लिए कुछ भी दुर्लभ नहीं रहता l
1. अणिमा – जिसके पास ये सिद्धि होती है वो व्यक्ति अपने शरीर को अनु या एटम जितना छोटा बना सकता है l
2. महिमा – इस सिद्धि से व्यक्ति अपने शरीर को जितना चाहे बड़ा बना सकता है l
3. गरिमा – इस सिद्धि से व्यक्ति अपने शरीर को जितना चाहे उतना भारी कर सकता है l
4. लघिमा – इस सिद्धि से मनुष्य अपने शरीर को बिलकुल हल्का बना सकता है l
5. प्राप्ति – इस सिद्धि से व्यक्ति किसी भी स्थान में बिना रोक टोक जा सकता है l
6. प्राकाम्य – इस सिद्धि को प्राप्त करने से मनुष्य जिस भी चीज की इच्छा करता है वो उसे प्राप्त कर लेता है l
7. इशित्वा – इस सिद्धि की प्राप्ति से मनुष्य किसी भी व्यक्ति पर स्वामित्व प्राप्त करने की शक्ति प्राप्त कर लेता है
8. वशित्वा – इस सिद्धि को प्राप्त करने से मनुष्य हर प्रकार के युद्ध में विजय प्राप्त करता है l
देवी माँ सिद्धिदात्री की कृपा से इन 8 सिद्धियों को प्राप्त किया जा सकता है
जय माता दी
देवी दुर्गा जी के नौवें रूप का नाम देवी सिद्धिधात्री है , वे सभी प्रकार की सिद्धियों को देने में समर्थ हैं मार्कंडेय पुराण के अनुसार आठ प्रकार की सिद्धियाँ होती हैं : अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, इशित्वा, वाशित्वा l इनकी पूजा करने से साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है साधक का संपूर्ण जगत पर अधिकार हो जाता है उसके लिए कुछ भी दुर्लभ नहीं रहता l
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें