प्रायः
कई लोग देखने में आता है कि आज कल ग्रह बाधा से त्रस्त है अतः उन्हें जब
कोई उपाय न समझ में आये तो महाविद्या छिन्नमस्ता की शरण लेकर ग्रह बाधा से
शांति लाभ कर सकते है l
देवी की पूजा में इनके भैरव कबंध शिव की पूजन अनिवार्य है l
देवो को यथाशक्ति नेवेद्यदि अलंकार से शिव सहित पूजन कर दीपदान कर 5 माला नित्य करना चाहिए कुछ समय में आपको विशेष लाभ दीखता है l
अनुभव के लिए अपनी समस्या नॉट करे यदि आप को अलप समय में ही समस्या हल होती दिख रही है तो विधिसम्मत पूजन पूर्ण करे .किसी भी मन्त्र को कम से कम सवालाख या कलिकाल के अनुसार चतुर्गुणा जप करे या योग्य आचार्य या कौलाचार्य से सम्पन्न कराये l
देवी छिन्नमस्ता का ग्रहदोष नाशक मन्त्र
ॐ श्रीं ह्रीं ऐं क्लीं वं वज्रवैरोचिनिये हुम
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