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बुधवार, 14 अक्टूबर 2015

आपकी राशि और उपासना

आपकी राशि और दश महाविद्या
राशि देवी मंत्र जाप
मेष तारा ॐश्रीं ह्रीं स्त्रीं हूं फट
वृष षोडशी ॐ ह्रीं क ए ई ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं
मिथुन भुवनेश्वरी ॐ ऐं ह्रीं श्रीं
कर्क कमला ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं हसौ: जगत्प्रसूत्यैनम:
सिंह बगलामुखी ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं नाशय ह्रीं ॐ स्वाहा
कन्या भुवनेश्वरी ॐ ऐं ह्रीं श्रीं
तुला षोडशी ॐ ह्रीं क ए ई ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं
वृश्चिक तारा ॐश्रीं ह्रीं स्त्रीं हूं फट
धनु कमला ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं हसौ: जगत्प्रसूत्यैनम:
मकर काली ॐ क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं स्वाहा
कुंभ काली ॐ क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं स्वाहा
मीन कमला ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं हसौ: जगत्प्रसूत्यैनम:


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आपकी राशि और उपासना
राशि देवी मंत्र जाप
मेष माँ चंद्रघंटा देवी ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ चंद्रघंटा देव्यै नम:
वृष माँ कात्यायनी देवी ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ कात्यायनी देव्यै नम:
मिथुन माँ कूष्माण्डा देवी ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ कुष्माण्डा देव्यै नम:
कर्क माँ ब्रह्मचारिणी देवी ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ ब्रह्मचारिणी देव्यै नम:
सिंह माँ शैलपुत्री देवी ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ ब्रह्मचारिणी देव्यै नम:
कन्या माँ कूष्माण्डा देवी ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ कुष्माण्डा देव्यै नम:
तुला माँ कात्यायनी देवी ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ कात्यायनी देव्यै नम:
वृश्चिक माँ चंद्रघंटा देवी ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ चंद्रघंटा देव्यै नम:
धनु माँ स्कंद माता देवी ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ स्कंदमाता देव्यै नम:
मकर माँ कालरात्रि देवी ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ कालरात्रि देव्यै नम:
कुंभ माँ कालरात्रि देवी ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ कालरात्रि देव्यै नम:
मीन माँ स्कंद माता देवी ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ स्कंदमाता देव्यै नम:

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देवी भागवत
(स्कंध 11, अध्याय 12) में लिखा है
कि विभिन्न प्रकार के रसों से देवी दुर्गा का अभिषेक किया जाए तो माता अति प्रसन्न होती हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं। आज हम आपको बता रहे हैं किस रस से देवी का अभिषेक किया जाए तो उसका क्या फल प्राप्त होता है-
- देवी भागवत के अनुसार वेद पाठ के साथ यदि कर्पूर, अगरु (सुगंधित वनस्पति), केसर, कस्तूरी व कमल के जल से देवी दुर्गा को स्नान करवाया जाए तो सभी प्रकार के पापों का नाश हो जाता है तथा साधक को थोड़े प्रयासों से ही सफलता मिलती है। ये उपाय बहुत ही चमत्कारी है।
- देवी भागवत के अनुसार यदि माता दुर्गा को दूध से स्नान करवाया जाए तो व्यक्ति सभी प्रकार की सुख-समृद्धि का स्वामी बनता है।
- माता जगदंबिका को गन्ने के रस से स्नान करवाया जाए तो लक्ष्मी और सरस्वती ऐसे भक्त का घर छोड़कर कभी नहीं जातीं। वहां नित्य ही संपत्ति और विद्या का वास रहता है।

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